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जयपुर. कोरोना के खिलाफ छिड़ी सबसे बड़ी जंग के सबसे बड़े याेद्धा डॉक्टरों को घटिया हथियार बांटे जा रहे हैं। ताजा मामला- एसएमएस का है। यहां जो पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट) किट दी गईं, वे घटिया क्वालिटी की हैं। पहनते ही फट रही हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इस किट से कोरोना तो दूर सामान्य वायरस से भी नहीं बचा सकता। जबकि कोरोना पॅाजिटिव केस के बीच काम कर रहे और संदिग्धों के सैंपल ले रहे स्टाफ के पास हैजमेट क्वालिटी की पीपीई किट होनी चाहिए।
शिकायत पर अधिकारी कहते हैं जल्द डिस्पोजेबल किट आने वाली है। डॉक्टर्स का कहना है कि हमें प्रोत्साहन राशि भले मत दीजिए, बस बेहतर क्वालिटी के पीपीई किट और एन-95 दे दें। ये स्थिति तब है जब खुद सीएम प्रोजेक्ट की निगरानी कर रहे हैं। प्रदेश में 8549 पीपीई किट हैं। 2821 पीपीई किट का बफर स्टाक है। पीपीई किट आरएमएससीएल की ओर से मेडिलाइन कंपनी व अस्पताल की ओर से लोकल पर्चेज से खरीदी गई। सवाल ये है कि इनकी गुणवत्ता कौन जांच रहा है।